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मन की व्यथा – विचारों की कथा
neetuhindi - 0
"मन की व्यथा विचारों की कथा
सब तितर-बितर हो जाता है ।।
जब अपनों से मिलता है, दुख -दर्द
तब पीड़ा असहनीय हो जाता है ।।
जिंदगी हर...
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उलझने (जिंदगी कि )
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मन की व्यथा – विचारों की कथा
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सब तितर-बितर हो जाता है ।।
जब अपनों से मिलता है, दुख -दर्द
तब पीड़ा असहनीय हो जाता है ।।
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मनोरंजन के (पुराने संसाधन)
Ahsas
neetuhindi - 0
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